copy and paste this google map to your website or blog!
Press copy button and paste into your blog or website.
(Please switch to 'HTML' mode when posting into your blog. Examples: WordPress Example, Blogger Example)
Ravidas Jayanti Dohe: संत रविदास के ये 20 दोहे देते हैं भक्ति और मानवता . . . संत रविदास ने अपने लेखन के माध्यम से अनेक आध्यात्मिक और सामाजिक संदेश प्रस्तुत किए, जो जीवन में प्रेरणा का स्रोत बनते हैं यदि आप नए वर्ष में संत रविदास के दोहों से मिली शिक्षाओं को अपने जीवन में शामिल करेंगे, तो आप अनेक कठिनाइयों से बच सकेंगे और जीवन के वास्तविक अर्थ को समझ पाएंगे यहां प्रस्तुत हैं रविदास के कुछ दोहे मन चंगा तो कठौती में गंगा
संत रविदास के 10 प्रसिद्ध दोहे - 10 dohe by sant ravidas | Webdunia Hindi Sant Ravidas Ji : 24 फरवरी को महान कवि एवं संत रविदास की जयंती है। रविदास जी मध्यकाल में एक भारतीय संत थे। उन्हें संत शिरोमणि सत गुरु की उपाधि दी गई है। यहां आपके लिए प्रस्तुत हैं 'मन चंगा तो कठौती में गंगा' कहने वाले संत रविदास के 10 लोकप्रिय दोहे 1 कह रैदास तेरी भगति दूरि है, भाग बड़े सो पावै। 2 जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात। 3
Guru Ravidas Jayanti 2025: रविदास जयंती पर पढ़िए उनके कुछ बहुमूल्य दोहे . . . धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गुरु रविदास जी एक संत होने के साथ-साथ महान कवि भी रहे हैं। कई प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, उनका जन्म माघ माह की पूर्णिमा तिथि पर हुआ था। ऐसे में इस साल माघी पूर्णिमा यानी बुधवार, 12 फरवरी 2025 के दिन रविदास जयंती मनाई जाएगी। ऐसे में चलिए पढ़ते हैं रविदास जी के कुछ उत्तम विचार, जो आज के समय में भी उतना ही महत्व रखते हैं। 1
संत रविदास के दोहे अर्थ समेत – Ravidas ke Dohe with Meaning भारत में कई महान संत हुए जिनमें से संत रविदास का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। संत रविदास ने अपने दोहे – Ravidas ke Dohe और रचनाओं के माध्यम से समाज में फैली बुराईयों और कुरूतियो को दूर किया। इसके साथ ही सभी को एकता के सूत्र में बांधने का काम किया। महान संत रविदास ने सभी को ईश्वर की भक्ति करते हुए सच्चाई की मार्ग पर चलने की भी राह दिखाई है।
संत रविदास जी के दोहे अर्थ सहित - 1PDF संत रविदास जी ने हमेशा अपने दोहों और रचनाओं के माध्यम से समाज में फैली बुराइयों और कुरीतियों को दूर किया है। संत रविदास जी ने सभी को भगवान की भक्ति करके सचाई की राह पर चलने की प्रेरणा दी है। इन्होंने सभी लोगों को एकता के सूत्र में चलने का भी विशेष प्रयास किया है।