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Yoga Sutra - 47 - Dr. Somveer Arya व्याख्या :- इस सूत्र में निर्विचार समापत्ति की निपुणता से प्राप्त होने वाले लाभ का वर्णन किया गया है ।
1. 47 - Patanjali Yog Sutra सरल भाषा में समझें तो निर्विचार समाधि के सिद्धि के फलस्वरूप जो अध्यात्म का प्रसाद मिलता है वह है- बुद्धि की शुद्धि और शुद्ध बुद्धि
सम्प्रज्ञात समाधि और उसके भेद |समाधि क्या होती है एक परिचय |सवितर्का . . . समाधि एक ऐसी मनोगत अवस्था है, जिसमें साधक का शरीर, मन, प्राण तथा चेतना एक समन्वित इकाई के रूप में कार्य करती है। व्यास भाष्य में समाधि को योग का लक्षण माना गया है; योगावस्था को समाधि से भिन्न नहीं देखा गया है। यथा : "योगः समाधि स च सार्वभौम चित्तस्यधर्म" (व्यास भाष्य)
Samadhi Paad Archives - Dr. Somveer Arya Yoga Sutra commentary by Dr Somveer Arya in hindi language Each sutra is separately explained in easy to understand sentences and relatable examples
Read - समाधि वस्तुतः है क्या? - समाधि वस्तुतः है क्या? - Version 2 - June समाधि को अष्टाँग राजयोग का अन्तिम चरण माना जाता है। बुद्धि की चंचलता एवं विडम्बना को श्रेष्ठ सम्यक् बनाने से प्राप्त हुई सफलता है। “धी” बुद्धि को कहते हैं जिसको सम्यक् अर्थात् स्थिर एवं सन्मार्गगामी बना लेने पर देवलोक में प्रवेश पाने की भूमिका बन जाती है। राजहंस का अनुकरण करने वाली नीर−क्षीर विवेकबुद्धि मेधा या प्रज्ञा कहलाती है। जो मात्र ब्रह्म